किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी: अपने मन कि इच्छा को दूसरा तक पहुंचाने के लिए बहुत सारे तरीकों उपयोग होता है उसी से एक है- शायरी ! कुछ लोग शायरी के बहुत ही शौकीन होते हैं उन्हें अपने बातों में शायरी प्रयोग करना बहुत अच्छा लगता है ।
शायरी के प्रयोग से आपकी बातों में विशेष महत्वता आती है, आजकल की फिल्मो मे ज्यादातर एटीट्यूड भरे शायरी का प्रयोग हीरो के द्वारा किया जाता है और यह लोगों को काफी लोकप्रिय लगता है । आजकल के नौजवान लड़के – लड़किया को एटीट्यूड भरे शायरी बहुत अच्छे लगते हैं।
इस शायरी में विशेष रूप से दूसरे आदमी को नीचा दिखाने के लिए बनाया जाता है। और अपने आप को उससे अच्छा दिखाने का प्रयास किया जाता है। यह शायरी का प्रचलन आज से शुरू नहीं हुआ है, बल्कि यह प्राचीन काल से ही प्रारंभ हो चुका है लेकिन पहले के समय में सरल और साधारण शायरिया होती थी ।
वर्तमान समय में शायरी की प्रचलन बढ़ने से इसमें काफी विविधता आई है आजकल लोग एटीट्यूड शायरी प्यार मोहब्बत की शायरी मोटिवेशनल शायरी आदि को ज्यादा पसंद करते हैं। शायरी से भरे शब्दों में बात करने से बहुत आनंद आता है।
तो चलिए शायरी की इस दुनिया में कदम रखते हैं और कुछ शायरियों को देखते हैं : –
अकड़ दिखाने वालों को, उनकी औकात दिखाने में हमें देर नहीं लगती,वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलियां, जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।
इतना अमीर नहीं हूँ कि सब कुछ खरीद लूँ ! लेकिन इतना गरीब भी नहीं हूँ कि खुद बिक जाऊं !!जब महसूस हो सारा शहर तुमसे जलने लगा ! समझ लेना तुम्हारा नाम चलने लगा !!
जब भी तुम्हारा हौसला आसमान तक जाएगा,
जब जलने वाला कोई न कोई तेरे पास चला आयेगा।
मैं जरा ठहर क्या गया लोग मुझे चलना सिखा रहे है,
देखो ये कल की चिंगारियों को ये आग को जलना सिखा रहे है ।
तू नया – नया है बेटे ,मैने खेल पुरानी खेले है ,जिन लोगो के दाम पर तू उछालता है ना ,वो मेरे पुराने चेले है बेटा ।
हमारानाम 😎 इतना भी #कमजोर 😔 नहीं है #कि, ☝️#दोचार_दुश्मनों 😈 की #आवाज़ 🗣 से #बदनाम हो #जाए।।
हुकुमत वो ही करता है जिसका दिलो पर राज होता है,
वरना यूँ तो गली के मुर्गो के सर पे भी ताज होता है.!!
जिंदगी जीने का अपना कुछ ऐसा अंदाज रखो,
अपनी बुराई करने वालों को नजर अंदाज करों !
लहजे में बत्तमीजी और चेहरे पर नकाब लिए फिरते है
जिनके खुद के खाते ख़राब है,वो मेरा हिसाब लिए फिरते है।
माना की तेरी एक आवाज़ से भीड़ हो जाती है लेकिन
हम भी माहिर है हमारी एक ललकार से पूरी भीड़ बिखर
जाती है।
मेरा विरोध करना आसान है पर मेरा विरोधी बनना संभव नहीं,क्योकि जब भी मैं बिखरा हूँ तो लोगों की हड्डिया तोड़ के निखरा हूँ।
बदमाशी नही करनी मेरे भाई,शराफत में ज़िन्दगी गुजार देंगे, अगर आ गई आँच उसूलो पे तो भरी सभा मे गोली मार देंगे ।
मिजाज़ में थोड़ी सख़्ती भी होनी चाहिये
साहब लोग पी जाते अगर समन्दर खारा न होता !!
अभी वक्त ने दिए है तुझे मौके खेल उतना जितनी तेरी औकात है आने दे मेरा वक्त भी फिर बताऊंगा खेल खत्म कैसे करते हैं ।
तू इतना अकड़ कर मत चल जमीन पर ना ही तो जमीन का कुछ बिगड़ पाएगा और ना ही पहाड़ों की ऊंचाई को छू पायेगा ।
हम आज भी शतरंज का खेल अकेले ही खेलते हैं ! क्योंकि दोस्तों के खिलाफ चाल चलना हमें नहीं आता !!
अकड़ दिखाने वालों को, उनकी
औकात दिखाने में हमें देर नहीं लगती,
वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलियां,
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।
बस इतनी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है,
हम उस रास्ते नहीं जाते जो रास्ता आम होता है।
जो खटक रहे है आखों में उनको बीच रोड पर पेलेंगे ,हमारी जमानत की गारंटी तुम ले लो बदला तो हम 2 मिनट में ले लेंगे ।
आग तो लग चुकी है सुलझेगा ये मामला भूल जाओ , और हमसे जलने वालों हमे बदनाम तो कर सकते हो ,लेकिन हमारा मुकाबला भूल जाओ ।